जीवन में शांति स्थापित हो तथा सुखपूर्वक जिया जा सके ऐसे आवास बनाने के शास्त्र का नाम वास्तुशास्त्र कहलाता है। आवास-गृह वह निवास कहा हो, दुकान का हो, कारखाने का हो या ऑफिस का हो, उसका ढांचा वास्तुशास्त्र में दिए गए नियमानुसार बनाया गया हो, तो उसमें रहनेवाला व्यक्ति सुखी हो तथा जीवन में शांति पाए एवं निर्विघ्न सफल हो। हमने इस शास्त्र का अध्ययन करने के पश्चात विभिन्न प्रकार के आवासों पर वास्तुशास्त्र में सूक्ष्म परिवर्तन महसूस किए। इसके अमल करने से चमत्कारिक परिणाम देखने को मिलने लगे - यही बात शास्त्र की अद्भुतता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
ज्योतिषशास्त्र व्यक्ति का भाव जानने का शास्त्र है, किंतु कभी-कभी प्रश्न उठते हैं कि जन्मकुंडली की कुंडली अच्छी हो, दशा-अंतर्दशाएं उत्तम हो, फिर भी व्यक्ति के जीवन में परेशानी व अशांति देखने मिलती है। ऐसी स्थिति में उनके रहने के स्थान तथा व्यापार का स्थान देखने पर वास्तुशास्त्र अनुसार दोष दिखाई देते हैं। तथा उन दोषों को दूर करने का सुझाव करने पर एवं उसके अनुपालन करने पर परिस्थितियों में अद्भुत परिवर्तन देखने को मिलता है। इस प्रकार इस शास्त्र का भी मनुष्यों को अपने जीवन में उपयोग करना ईश्वरभक्ति एवं शास्त्र का हमारा निश्चित मानना है। यह शास्त्र सरलतापूर्वक समझा जा सके ऐसा है तथा मनुष्य इसका आधार लेकर जीवन में सुखी हो एवं शांति पाए यह हमारा यह प्रयास सफल हुआ ऐसा हमें आनंद होगा।